नेता
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भईयो ! भारत ही ऐसा देश है ,जहाँ नेताओ की जमात पायी जाती है ,
पायी ही नही जाती ,बल्कि यहाँ नेता कुकुरमुत्तो की तरह उगते है ,
जो कई नस्लों के होते है ,
कुछ इस तरह ....
भाषण के लट्टू नेता ,
दिखावट में ही सही किसी दुर्घटना में पहले पहुचने वाले नेता,
घडियाली आंसू बहाने वाले नेता ,
वैसे नेताओ की जमात में वही नेता अच्छा माना जाता है
जो लोगो की विचार शीलता को समाप्त कर दी,
अपने भाषण से लोगो को मन्त्र मुग्ध कर दे,
भाईयो! अपने यहाँ बनने में किसी योग्यता विशेष की भी जरूरत नही
बस हाईस्कूलया अगूठा लगा लेता हो
हड़ताल कराने में पुलिश के डंडे से कुछ तपा हो
सफेद लम्बा कुर्ता पैजामा
यदि कंधों पर लाल,हरी किनारी वाला अगोछा पड़ा हो तो फिर क्या ?
टोपी की आज-कल कोइ जरूरत नही
किसी की भी कैसा भी किसी समय काम हो
नेता जी से मिल लीजिए
समझो 120 आना काम पक्का
भाईयो! समाज का वही सफल नेता माना जाता है
जिसने जितनी अधिक हड़ताल कराई हो ,
जो पुलिश के डंडे से जितना अधिक तपा हो ,वैसे पुलिश
पहले इन्हे अपने दण्डो से तपाना अपना फर्ज समझती है
फिर अपना काम निकलती है
बाद में ये पुलिश और समाज के माध्यम बन जाते है ,
लोगो से ले दे कर काम बनाते है
और समाज के सफेद पोश कार्यकर्ता कहलाते है
गिरीश..
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